गुलाब को फूलों का राजा कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Rosa Amadeus है। इसकी खा़सियत बाक़ी फूलों से अलग है। ये दिखने में काफ़ी खूबसूरत लगते हैं तथा इनकी खुशबू से हमारा घर महकने लगता है। यदि गुलाब के पौधे की शाखाओं में गुच्छों में फूल लटक रहे हों। तो यह नज़ारा और भी मनमोहक लगता है।
अक्सर ये होता है कि गुलाब का पौधा हम अपने घर में लगाते हैं। और वो कुछ ही दिनों में सूखने लगता है। या फिर वो सही प्रकार से ग्रो नहीं कर पाता। फूल भी एक दो नज़र आते हैं।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम गुलाब के पौधे की सही देखभाल नहीं कर पाते। तो इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि गुलाब के पौधे को अच्छी तरह से ग्रो कराने के उसकी देखभाल कैसे करें।
1-Bare Root or Container Rose Plant-
बेयर रूट प्लांट का अर्थ है कि पौधे को जड़ से निकाल कर पॉट में फिक्स करना। इसे आप ऑनलाइन भी ख़रीद सकते हैं। लेकिन ऑनलाइन लिए गए बेयर रूट प्लांट की जड़ों को एक रात के लिए पानी में भिगोकर रखें उसके बाद ही उसकी मिट्टी में प्लांटिंग करें। एक सप्ताह तक इसमें रेगुलर वाटरिंग करें।
कंटेनर रोज़ प्लांट से अर्थ है कि पॉट में पहले से लगा हुआ पौधा। गुलाब के पौधे को अच्छी तरह उगाने के लिए ये बेस्ट प्लांट होता है। क्योंकि इसे कम समय में स्थापित किया जा सकता है। और यह आसानी से ट्रांसप्लांट हो सकता है।
2-Repotting-
जब भी आप प्लांट लें। उसकी तुरंत रिपॉटिंग ना करें। उसे 3-4 दिन तक सैटल होने दें। इसके पॉट को शेड एरिया में या इन डायरेक्ट सन लाइट में रखें। 3-4 दिनों के बाद इसकी रिपॉटिंग करें। इसकी मदर सॉइल को पौधे से ना निकालें बल्कि मिट्टी सहित ही दूसरे गमले में लगा दें।
3-Pot Selection-
इसके पौधे के लिए मिट्टी के या सीमेंट के बने हुए पॉट ही लें। इसके अलावा पॉट से एक्स्ट्रा पानी बाहर निकलने के लिए ड्रेनेज होल बनाएं।
4-Potting Mix-
गुलाब के पौधे को अधिक न्यूट्रीशन की आवश्यकता होती है। अच्छी फ्रूटिंग और फ्लॉवरिंग के लिए पौधे को फास्फोरस और पोटैशियम की ज़रूरत होती है। और ये सब न्यूट्रीशन इसे मिट्टी से प्राप्त होते हैं। इसकी मिट्टी बनाने के लिए निम्न आवश्यकताएं होंगी।
50% Garden soil+ 20% Cocopeat or Peat Moss + 30% Vermicompost or Cow dung + 1 handful Steamed Bone Meal(Phosphorus Rich can produced more flowers)
5-Acidic Soil-
गुलाब के पौधे के लिए pH 6.0 से pH 6.5 तक की मिट्टी बेस्ट होती है। इस मिट्टी में पौधा जल्दी ग्रो करता है। इसका एसिडिक नेचर टेस्ट करने के लिए एक टेस्टिंग मीटर भी लगाया जा सकता है।
इस मिट्टी को एसिडिक बनाने के लिए प्रत्येक 15 दिन में निम्न सॉल्यूशन का प्रयोग करें। इससे फ्लॉवर्स की ग्रोथ बढ़ती है। सरसों की खली व चाय की पत्ती का भी प्रयोग कर सकते हैं।
10 gms Alum + 1 ltr Water
6-Sunlight & Location-
एक स्वस्थ पौधे को 6-8 घंटे की डायरेक्ट सन लाइट चाहिए होती है। परन्तु इसे दोपहर के समय में 12 से 2pm तक सीधी धूप से बचाकर रखें। क्योंकि ये पत्तियों को जला देती है।
7-Watering-
हमेशा पौधे को पानी सुबह के समय जल्दी दें।
रेगुलर इसमें पानी दें।
8-Tilling,Cutting or Pruning-
प्रत्येक 15 दिन में इसकी गुड़ाई करें। इसके बाद इसमें फर्टिलाइजर्स का प्रयोग करें। पौधे में 3 g कटिंग अवश्य करें। इसकी ब्रांच को फूल के नीचे से पत्तियों सहित कट करें। जब भी इसकी ब्रांच को कट करें तो कटे हुए भाग पर हल्दी पाउडर लगा दें। इससे कटे हुए पौधे में कोई बैक्टीरिया या फंगस नहीं लगता है।
प्रुनिंग से प्लांट स्वस्थ और घना हो जाता है। नई बड्स निकलने लगती हैं। इसमें वसंत ऋतु के पहले ही सॉफ्ट प्रुनिंग करें।
9-Dead heading-
सूखे और मुरझाए फूलों को पौधे से निकाल दें। क्योंकि ये पौधे से एनर्जी चुराते हैं। इस बची हुई एनर्जी से अधिक कलियां खिलती हैं और पौधा फूलों से भर जाता है।
10-Fertilizers-
इसका प्रयोग प्रत्येक 15 दिन में करें।
NPK 20 20 20 + 1/4 tsp DAP(Di Ammonium Phosphate) granules + 1tsp Epsum salt + 1/2 tsp Potash + 1 handful Vermicompost or Cow dung
11-Spray Fertilizer-
स्प्रे फर्टिलाइजर को 15 दिन के बाद पौधे की पत्तियों और पॉट की मिट्टी में प्रयोग करें।
1 tsp Epsum salt + 1ltr water
12-Disease-
अधिकतर गुलाब में 2 प्रकार की बीमारियां पाई जाती हैं। जोकि फंगल इन्फेक्शन के कारण होती हैं।
1- Rose Die Back
2- Black Spots Rose Diseases
13-Pest Control-
पेस्ट एक प्रकार का फंगस है जो सफ़ेद रंग में पौधों की पत्तियों या जड़ों में दिखाई देता है। इसे नियंत्रित करने के लिए निम्न सॉल्यूशन को स्प्रे करें।
5 to 10 ml Neem oil+ 1 ltr water + shampoo (few drops)
यह भी पढ़ें-
मनी प्लांट की वैरायटी, केयर, टिप्स।