India और Asian Development Bank के बीच हुए इस समझौते से देश के बागवानी क्षेत्र को नया आयाम मिलेगा। $98 Million की इस पहल से रोग-मुक्त पौध सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। “आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम” के तहत उन्नत प्रयोगशालाएं और प्रशिक्षित विशेषज्ञों की टीम रोग निदान और प्रमाणन को मजबूत बनाएगी।
इस परियोजना से फसल गुणवत्ता, जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशीलता, और किसान समुदाय का समग्र विकास संभव होगा। निजी नर्सरियों और शोधकर्ताओं के साथ समन्वय इस कार्यक्रम को स्थायित्व प्रदान करेगा। यह पहल किसानों को जलवायु संकट से लड़ने में सक्षम बनाएगी।
Finance Minstry ने शुक्रवार को कहा कि इस फंडिंग से रोग-मुक्त पौध सामग्री प्रणाली स्थापित करने में मदद मिलेगी, जिससे फसल की उपज, गुणवत्ता और जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशीलता में वृद्धि होगी।
The Ministry of Finance ने कहा, “The Government of India and Asian Development Bank” ने आज बागवानी फसलों के किसानों को प्रमाणित रोग-मुक्त पौध सामग्री तक पहुंच बढ़ाने के लिए 98 Million Dollar के ऋण पर हस्ताक्षर किए।
यह ऋण समझौता “भारत का स्वच्छ पौध कार्यक्रम” (Building India’s Clean Plant Programme)का हिस्सा है। इस पर आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय की संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी और ADB के भारत रेजिडेंट मिशन के Officer-in-Charge Kai Wei Yeo, ने हस्ताक्षर किए।
समारोह में मुखर्जी ने पौध स्वास्थ्य को किसानों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, “ADB की फंडिंग पौध स्वास्थ्य को बढ़ावा देगी, जो किसानों की उत्पादकता सुधारने में अहम है।
येओ ने बताया कि यह परियोजना भारत सरकार के आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम (Clean Plant Programme) के साथ जुड़ी हुई है, जिसका लक्ष्य पौध स्वास्थ्य प्रबंधन में सुधार करना है।
उन्होंने कहा, “यह नियामक ढांचे और संस्थागत प्रणालियों के विकास में मदद करेगा ताकि भारत में बागवानी के लिए CPP को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके। परियोजना की सफलता और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए इसमें निजी Nurseries, Researchers, State Governments, and Growers’ Associations के साथ निकट परामर्श शामिल होगा।
Ministry के अनुसार, इस परियोजना का उद्देश्य उन्नत प्रयोगशालाओं से लैस स्वच्छ पौध केंद्र स्थापित करना है, जहां रोग निदान और प्रशिक्षित विशेषज्ञ उपलब्ध होंगे
ये केंद्र रोग-मुक्त पौध सामग्री बनाए रखेंगे और स्वच्छ पौध प्रमाणन योजना शुरू करेंगे। निजी नर्सरियों का परीक्षण और प्रमाणन किया जाएगा ताकि किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली पौध सामग्री प्राप्त हो सके
यह परियोजना न केवल फसल उत्पादकता बढ़ाएगी बल्कि किसानों को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में भी मदद करेगी। बढ़ते तापमान से कीट और रोगों के व्यवहार पर असर पड़ता है, और रोग-मुक्त सामग्री पर ध्यान केंद्रित करने वाली यह पहल दीर्घकालिक सहनशीलता में योगदान देगी।
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