आम एक ड्रूप यानि कि बड़े बीज वाला फल है। इसे स्टोन फ्रूट भी कहा जाता है। यह न्यूट्रिशंस से भरपूर होने के कारण फलों का राजा भी कहलाता है। क्योंकि इसमें सभी प्रकार के विटामिन्स, मिनरल्स, एंटी ऑक्सीडेंट, फाइबर, प्रोटीन इत्यादि पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। जोकि इम्यूनिटी और डाइजेस्टिव हेल्थ को इंप्रूव करते हैं। यह हमारे शरीर में आयरन को अवशोषित करने में सहायता करते हैं। कैंसर के रिस्क से भी बचाते हैं। और हमारे शरीर की सेल्स को रिपेयर करके उनकी ग्रोथ को बढ़ा देते हैं। आम में निम्न तत्व पाए जाते हैं-
Mangoes Elements-
1-Calories
2-Protein
3-Carbohydrate
4-Fat
5-Fiber
6-Sugar
7-Copper
8-Folate
9-Niacinamide
10-Sodium
11-Potassium
12-Magnesium
13-Calcium
14-Cobalamin
15-Riboflavin
16-Thiamine
17-Vitamin-C
18-Vitamin-A
19-Vitamin-E
20-Vitamin-K
21-Vitamin-B6
Mango Varieties- आम की 25-30 किस्में होती हैं। इनमे से निम्न कॉमन हैं-
1-Alphonso
2-Chausa
3-Dassehri
4-Kesar
5-Langda
6-Malgova
7-Gulab khas
8-Neelam
9-Himsagar
10-Totapari
11-Tommy Etkins
12-Pusa Amrapali
13-Pusa Arunima
14-Mallika
15-Banarsi(Langra)
16-Gola
17-Fazli
18-Husnara
19-Nazuk Badan
Plant Needs-
1-सर्दियों में आम के पौधे में कम पानी की आवश्यकता होती है। ज़्यादा पानी से पौधा मर सकता है।
2-एक आम के पौधे को 4-6 घंटे तक धूप चाहिए होती है।
3-इसके पौधे की मिट्टी का पीएच 6.0 – 9.0 बेस्ट होता है।
4-छोटे और नए पौधों में कैमिकल फर्टिलाइजर का इस्तेमाल ना करें। पौधे की मिट्टी में काऊ मन्योर या कम्पोस्ट का प्रयोग करना बेस्ट रहता है।
5- जून से सितंबर के महीने में नए पौधे लगा सकते हैं। जुलाई के अंत से अगस्त तक आम की फ़सल तैयार हो जाती है।
Diseases-
Insect Attack- आम के पौधे में कुछ बीमारियां कीड़े या पेस्ट लगने से हो जाती हैं। जिन्हें नीम के तेल से कंट्रोल कर सकते हैं।
1ml Neem Oil+ 1ltr Water+ Few drops Liquid Soap or Shampoo
नीम के तेल को पानी और शैंपू के साथ मिलाकर 2-3 सप्ताह में पौधों पर स्प्रे करें। ऐसा करने से पौधे की नई ग्रोथ होगी। और कीड़े भी मर जाएंगे।
Black Spots- कभी कभी पौधों की पत्तियों में और फलों में ब्लैक स्पॉट्स बन जाते हैं। ये फंगल डिज़ीज़ Anthracnose के कारण होता है।
इससे पौधों को बचाने के लिए पौधे के आस पास मिट्टी में गिरी हुई सूखी पत्तियों को हटा दें। और पौधे की मल्चिंग कर दें। यानि कि पौधे की जड़ों के आस पास सूखी घास से कवर कर दें।
मल्चिंग मिट्टी को नम रखती है। और खरपतवार रोग (Weeds Disease) से बचाती है। सूखी बीमारी युक्त पत्तियों और शाखाओं को पौधे से अलग कर दें।
प्रत्येक 15 दिन में निम्न प्रकार से बने हुए स्प्रे को पौधे की जड़ों में, तने पर, पत्तियों के दोनों साइड छिड़काव करें।
Spray-
Copper Fungicide + Neem Oil + Liquid Soap
Flowers & Fruits Drop-
अक्सर हम देखते हैं कि किसी पौधे में 100-1000 तक फूल निकले हुए हैं। लेकिन उसी मात्रा में फल नहीं निकल पाते हैं। यह फ्लॉवर ड्रॉपिंग के कारण होता है।
प्री मैच्योर फ्लॉवर ड्रॉपिंग का मुख्य कारण Incorrect Watering(गलत ढंग से पानी देना), High Wind(तेज़ हवा), Cold Weather(ठंडा मौसम), Dry Soil(मिट्टी सूखना), Lack of Pollination(परागण की कमी), Lack of Fertilizer(उर्वरक की कमी), Used too much Nitrogen(नाइट्रोजन का अधिक मात्रा में प्रयोग), Pest Insect Disease(कीट रोग), Fungal Disease(कवक रोग) इत्यादि हैं।
Induced or Forced Flowering-
पौधे में फूल ना आने की अवस्था में हम ये अनुमान लगा सकते हैं कि फ़सल आने की संभावना कम हैं। इसीलिए हमें पौधे में अधिक से अधिक फूल उगाने के प्रयास करने चाहिए। इस अवस्था में पौधे का स्ट्रेस ट्रीटमेंट करें। ट्रंक में हैमरिंग करके कुछ सप्ताह के लिए पानी भर दें। इससे फूलों की संख्या बढ़ सकती है।
कुछ पौधे जो 10 वर्ष से ज़्यादा पुराने हैं। उनमें फल और फूलों की संख्या कम हो जाती है। इसके लिए फ्लॉवरिंग और फ्रूटिंग से पहले Potassium Nitrate का सॉल्यूशन जड़, तने और पत्तियों में स्प्रे करें। स्प्रे सुबह के समय करें। ज़्यादा तेज़ धूप में ना करें।
Citrus Fertilizer-
सर्दियों के बाद आम के पौधे में सिट्रस फर्टिलाइजर का प्रयोग करना अच्छा रहता है। पौधे के ट्रंक डायमीटर में 1 इंच के लिए 100 ग्राम Citrus Fertilizer का प्रयोग करें। अब इसमें अच्छी तरह पानी दें।
नाइट्रोजन फर्टिलाइजर का प्रयोग पत्तियों और फलों की ग्रोथ को बढ़ाता है। परंतु सिट्रस फर्टिलाइजर में अधिक मात्रा में पोटाश पाया जाता है जिससे फूलों और फलों की ग्रोथ बढ़ जाती है। आम की फ़सल समाप्त होने के बाद भी समान मात्रा में पौधों को फर्टिलाइजर दें।
Care-
1-आवश्यकता अनुसार पानी दें।
2-मिट्टी में नमी बनाए रखें।
3-पौधों में Naphthalene Acetic Acid और Gibberellic Acid को स्प्रे करें। इसका स्प्रे फ्लॉवर ड्रॉपिंग रोक कर फलों की ग्रोथ को बढ़ा देता है।
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