गार्डेन में कई पौधे ऐसे हैं। जिन्हें हम कटिंग द्वारा लगाना चाहते हैं। कई बार हम कटिंग लगाते भी हैं। परन्तु वो सही से ग्रो नहीं कर पाती और सूखने लगती है। ऐसे में रूटिंग हार्मोन का प्रयोग कटिंग से पौधा उगाने में सहायता करता है। ये जड़ों को फंगस और बैक्टीरिया के अटैक से बचाकर उन्हें स्ट्रॉन्ग बनाता है। यह जड़ों को अत्यधिक तीव्रता से बढ़ाता है। जिससे पौधे में नई शाखाएं निकलनी शुरू हो जाती हैं।
रूटिंग हार्मोन में IBA(Indole Butyric Acid) और NAA(Naphthalene Acetic Acid) हार्मोन्स रूट स्टिमुलेशन को बढ़ाते हैं। जिन तत्त्वों में ये दोनों हार्मोन्स होते हैं। उन्हें ही रूटिंग हार्मोन कहते हैं। हाइड्रोजन पराक्साइड एक कैमिकल रूटिंग हार्मोन होता है। जिसे जड़ों की ग्रोथ को बढ़ाने में प्रयोग करते हैं। इसके अलावा आप अपने घर पर मौजूद कई चीज़ों का प्रयोग करके रूटिंग हार्मोन बना सकते हैं।
1-Apple Cider Vinegar-
एप्पल साइडर विनेगर एक नेचुरल वीड किलर है। यह जड़ों को इन्फेक्शन फ्री रखता है और ग्रोथ को बढ़ाता है। विनेगर को आधा कप पानी में मिला दें। अब इसमें पौधे की कटिंग को डिप करके रख दें। 5 मिनट बाद इसे गमले में लगा दें।
5 Drops Apple Cider Vinegar+ 1/2 Cup of Water
2-Cinnamon Powder-
इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटी माइक्रबियल प्रॉपर्टीज होती हैं। यह बीमारियों से बचाकर जड़ों को हैल्थी बनाता है। एक ग्लास में सिनामन पाउडर और पानी मिक्स करें। पौधे की कटिंग इस पानी में भिगोकर गमले में लगा दें।
1 tsp Cinnamon Powder + Water
3-Honey-
शहद में एंटी बैक्टेरियल और एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं। यह जड़ों की वृद्धि को बढ़ाकर उन्हें स्वस्थ रखता है। शहद को बॉयल किए हुए ठंडे पानी में मिलाएं। फिर इसमें पौधे की कटिंग को डिप करके गमले में लगाएं।
1 tsp Honey + 2 Cups boiled chilled water
4-Aloevera-
इसमें एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें सैलीसिलिक एसिड पाया जाता है। और अन्य उपयोगी एंजाइम्स व अमीनो एसिड के साथ साथ मिनरल्स इत्यादि भी अधिक मात्रा में होते हैं। जिनसे रूट स्टिमुलेशन अत्यधिक तेज़ी से बढ़ता है। एलोवेरा का जेल निकाल लें। इसे पौधे की कटिंग में लगा दें। उसके बाद इस कटिंग को गमले की मिट्टी में लगा दें।
5- Aspirin 350 mg-
एस्प्रिन जड़ों की ग्रोथ को फास्ट कर देती है। टैबलेट को पानी में मिक्स करें। इस पानी में कटिंग डिप करें। और इस कटिंग को गमले की मिट्टी में लगा दें।
Asprin 350 mg Tablet + Water
6-Tulsi-
तुलसी में एंटीवायरल और एंटीबैक्टेरियल प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। यह जड़ों को रोगों से बचाती है। और इनकी वृद्धि भी बढ़ाती है। तुलसी की पत्तियों को ग्राइंड करके पेस्ट बनाएं। इसको किसी हल्के कपड़े से छान कर जूस निकाल लें। इस जूस में पानी मिलाकर पौधे की कटिंग को इसमें डिप कर लें और गमले में लगा दें।
1 cup Tulsi Leaves + Water ( Grinded )
7-Haldi Powder-
हल्दी पाउडर के एंटी फंगल और एंटी माइक्रोबियल गुणों के कारण जड़ में कोई रोग नहीं लगता। ये जड़ों को स्वस्थ और मजबूत बनाता है। हल्दी पाउडर को पानी के साथ मिक्स कर लें। इसमें पौधे की कटिंग को भिगोकर गमले की मिट्टी में लगाएं।
1 tsp Haldi Powder + Water
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