सब्ज़ियां एक अच्छी हैल्थ के लिए अति आवश्यक होती हैं। इनसे हमें भरपूर मात्रा में विटामिन्स, न्यूट्रिशंस और एंटी ऑक्सीडेंट प्राप्त होते हैं। कई बीमारियों को ठीक करने में भी हरी सब्ज़ियां सहायता करती हैं। इसीलिए सभी बच्चों व बड़ों को अपने फ़ूड में सब्ज़ियां अवश्य लेनी चाहिए। परन्तु कभी कभी हमें ताज़ी हरी सब्ज़ियां घर पर नहीं मिल पाती हैं। यदि हम मार्केट से लेते हैं तो वो हमें रखी हुई सड़ी गली सब्जियां दे देते हैं। जो हमें फ़ायदे की जगह नुकसान पहुंचाती हैं।
इसीलिए सबसे अच्छा तरीका ये है कि आप अपने घर में ही सब्ज़ियां उगाएं। लेकिन आपके घर में अगर ज़्यादा स्पेस नहीं है तो आप इन्हें गमलों में या एक बड़े कंटेनर में भी उगा सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि वो कौन सी सब्ज़ियां हैं। जिन्हें आप गमलों में आसानी से उगा सकते हैं।
1-Onion-
प्याज़ सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली सब्ज़ी है। इसकी लीफ और रूट बल्ब दोनों ही खाए जा सकते हैं। इसके बीज को नवंबर से दिसंबर के बीच लगा सकते हैं। सर्दी से इसे बचाने के लिए शेड्स एरिया में रखें। 15 दिनों में इसे फर्टिलाइजर दें। 70 दिनों में ये मैच्योर हो जाएगा।
2-Garlic-
लहसुन का प्रयोग भी अधिकतर किया जाता है। ये पेट से जुड़ी कई बीमारियों में भी फायदेमंद होता है। इसकी क्लोव्स लेकर गमले की मिट्टी में लगा दें। कुछ दिन में ये उगने लगेगा।
3-Tomato-
टमाटर हमारी त्वचा के लिए और खून की कमी को दूर करने के लिए लाभदायक है। इसकी 2 वैरायटी पाई जाती हैं। एक नॉर्मल टोमैटो और दूसरी चेरी टोमैटो। चेरी टोमैटो को एक बार लगा लें तो दोबारा इसे लगाने की आवश्यकता नहीं होती। क्योंकि इसके बीज मिट्टी में गिरते रहते हैं और नए पौधे बनते रहते हैं। दिसंबर से फरवरी के बीच इसके बीज को पानी में सोक करने के बाद मिट्टी में जरमिनेट कर लें। 10 दिन बाद इसके प्लांट को दूसरे पॉट में ट्रांसप्लांट कर दें। सर्दियों में इसे कवर्ड एरिया में रखें।
4-Lemon-
नींबू में विटामिन सी अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है। इसके प्रयोग से इम्यूनिटी सिस्टम स्ट्रॉन्ग होता है। इसको बीजों या कटिंग द्वारा उगा सकते हैं। इसे अधिक धूप और कम पानी की आवश्यकता होती है।
5-Radish-
मूली पेट से संबंधित कई बीमारियों को दूर करती है। ये शरीर में पानी की कमी को भी पूरा करती है। इसकी जड़ और पत्तियों दोनों को खाया जा सकता है। ये सफ़ेद और लाल दोनों वैरायटी में पाई जाती है। इसके बीजों को गमले की मिट्टी में लगा दें। इसके पौधे को ज़्यादा पानी की आश्यकता होती है। इसलिए रेगुलर वाटरिंग करें।
6-Turnip-
शलजम खून की कमी को पूरा करता है। ये
मूली की तरह ही होता है। परन्तु इसका रूट बल्ब गोल आकार में होता है। ये व्हाइट और पर्पल कलर में होता है। इसकी पत्तियां और रूट बल्ब खा सकते हैं।
7-BeetRoot-
चुकंदर विटामिन्स, मिनरल्स और एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। यह ब्लड फैक्ट्री की तरह कार्य करता है। क्योंकि इसे प्रयोग करने से शरीर में हीमोग्लोबिन मात्रा बहुत तेज़ी से बढ़ती है। इसका रूट बल्ब वॉयलेट कलर में होता है। और अंदर से डार्क मैजेंटा कलर का होता है। इसकी पत्तियों का पकाकर खाया जा सकता है। इसके रूट बल्ब का जूस बनाकर पी सकते हैं। इसके बीज को गमलों में लगा दें। कुछ ही दिनों में इसके पौधे ग्रो करने लगेंगे।
8-Brinjal-
बैंगन की व्हाइट, ग्रीन, पर्पल तीन रंगों की वरायटी पाई जाती हैं। इसके बीज को जरमिनेशन ट्रे में उगा लें। फिर इसे गमले में ट्रांसप्लांट कर दें। 1 महीने में ये ग्रो होकर फ्लॉवरिंग और फ्रूटिंग करने लगेगा। इसे फुल सन लाइट और पानी की मात्रा कम चाहिए होती है।
9-Chilli-
दिसंबर से जनवरी के बीच इसे उगा सकते हैं। यह पौधा 3-4 वर्ष चलता है। एक सूखी लाल मिर्च लेकर बीज निकाल लें। इन बीजों को गमले की मिट्टी में स्प्रिंकल कर दें और पानी दें। कुछ दिनों में पौधे तैयार हो जाएंगे।
10-Lettuce-
अधिकतर सलाद पत्ते का सलाद बनाने में प्रयोग किया जाता है। वेट लॉस में यह अत्यंत सहायक है। इसको उगाने के लिए इसके बीजों को गमले की मिट्टी में डाल दें। और रेगुलर वाटरिंग करें।
11-Spinach-
पालकमें आयरन की मात्रा अधिक होती है। जोकि बॉडी को स्ट्रॉन्ग बनाकर ब्लड को बढ़ाती है। यह त्वचा, आंखों और बालों के लिए भी लाभदायक है। इसको बीजों द्वारा उगाया जा सकता है। 1 महीने में इसकी फसल तैयार हो जाती है।
12-Bottlegourd-
लौकी वज़न को घटाने में सहायक है। यह कई बीमारियां भी दूर करती है। इसके बीज 20-25 दिनों में ग्रो करते हैं। 18-20 इंच के पॉट में ये अच्छी तरह ग्रो करती है। इसके पॉट में 5-6 ड्रेनेज होल अवश्य होने चाहिए। पॉट में वर्मिकम्पोस्ट या काऊ डंग फर्टिलाइजर का प्रयोग करें।
13-Bittergourd-
करेला डायबिटीज़ जैसी बीमारी को दूर करता है। ये रक्त को शुद्ध करता है। त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। इसे बीजों द्वारा उगाया जा सकता है। 45 दिनों में ये ग्रो कर जाता है। इसकी वाइन को सपोर्ट की आवश्यकता होती है। फर्टिलाइजर के रूप में वर्मिकम्पोस्ट या काऊ डंग दे सकते हैं। इसे फुल सन लाइट एरिया में रखें।
14-Cucumber-
खीरा शरीर में पानी की कमी को दूर करता है और त्वचा के लिए भी लाभदायक है। इसके बीजों को कोकोपीट में जरमिनेट कर लें। 8-10 दिनों में इसके पौधे को दूसरे पॉट में लगा दें। इसके पॉट को इन डायरेक्ट सन लाइट में रखें। इसकी वाइन को सपोर्ट के लिए कोई नेट चाहिए होती है।
15-Coriander-
हरी धनिया को पानी और मिट्टी दोनों में उगाया जा सकता है। 8-10 इंच के पॉट में इसके बीजों को लगा सकते हैं। सूखी धनिया के बीजों को हल्का क्रशड कर लें। और पॉट की मिट्टी में स्प्रिंकल कर दें। अगर पानी में लगा रहे हैं तो इसके बीजों को 24 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखें। इसके बाद एक कंटेनर में पानी और वर्मिकम्पोस्ट मिलाकर घोल बना लें। एक प्लास्टिक की नेट बास्केट लें उसपर टिश्यू पेपर पानी में भिगोकर रख दें। अब इसमें सोक किए गए धनिया के बीज फैला दें। और इस बास्केट को घोल वाले कंटेनर के ऊपर रख दें। कुछ दिनों में पौधे ग्रो करने लगेंगे।
16-Mint-
पुदीने के स्टेम और सीड्स को मिट्टी में लगा दें। वाटरिंग कर दें। इसके पॉट को शेड्स एरिया में रखें। 1 महीने में पौधे ग्रो करने लगते हैं।
17-CurryLeaf-
करी लीफ का प्रयोग अधिकतर फ़ूड में किया जाता है। इसकी मेडिसिनल वैल्यू होती है। कोकोपीट और वर्मिकम्पोस्ट में इसके पौधे को उगा सकते हैं। 1 महीने में पौधा ट्रांसप्लांटेशन के लिए तैयार हो जाता है।
18-Ginger-
अदरक सर्दी, खांसी, ज़ुकाम में बहुत फायदेमंद है। इसे मसालों के साथ भी प्रयोग करते हैं। इसको गर्मियों में आसानी से उगा सकते हैं। एक सूखी अदरक लेकर 1-2 इंच गहराई से मिट्टी में लगा दें। 6-8 महीने में इसका पौधा ग्रो हो जाएगा।
सब्जियों के सभी पौधों के लिए फर्टिलाइजर-
1 Big Spoon Mustard Cake Powder(सरसों खली) +1 Big Spoon Neem Cake Powder(नीम खली)+1 Big Spoon Vermicompost+1 Big Spoon Leaf Compost(पत्तियों की खाद)+1 Big Spoon Epsum Salt+1 Big Spoon DAP+1 Big Spoon Cow Dung+10 ml Sea Weed Extract + 1 Spoon Soil+ Some Water
इसका घोल बनाकर 24 घंटे के लिए रख दें। इसके बाद इसमें 5 लीटर पानी मिलाकर पौधों की मिट्टी में डालें।
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