कीवी फ्रूट – वातावरण में बढ़ते प्रदूषण के कारण हवा में नए नए वायरस पनप रहे हैं। जो नई नई बीमारियों को भी फैला रहे हैं। इनसे बचने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं। परंतु इनपर नियंत्रण पाना मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में हमें अपनी हैल्थ का खुद ध्यान रखना चाहिए। यदि हम अंदर से स्ट्रॉन्ग होंगे तभी इन बीमारियों से सामना कर सकेंगे।
अपनी बॉडी को स्ट्रॉन्ग रखने के लिए हमें अपनी बॉडी की इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग बनानी चाहिए। इसे स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए हमें विटामिन सी अधिक मात्रा में लेना चाहिए। विटामिन सी हमें सिट्रस फ्रूट् से मिलता है। यानि कि रसीले फलों से। जैसे कि संतरा, नींबू, कीवी इत्यादि। इनमे से कीवी सबसे ज़्यादा न्यूट्रीशनल फ्रूट है।
कीवी को चाइनीज गूजबेरी भी कहते हैं और इसका वैज्ञानिक नाम एक्टीनीडिया डेलीसिओसा है। इसमें Vitamin C, Vitamin K, Vitamin E, Folate, Potassium, Antioxidants, Fiber भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ये इम्यूनिटी सिस्टम को जल्दी बूस्ट कर बॉडी को एक्स्ट्रा एनर्जी प्रदान करता है। यह सबसे महंगा फल है और साल भर मार्केट में उपलब्ध रहता है।
कीवी को हम अपने घर के गमलों में भी उगा सकते हैं। इससे आपके पैसे भी बचेंगे और आपका घर भी सुंदर दिखेगा। क्योंकि कीवी का पौधा छोटा और सुंदर दिखता है।
गमलों में कीवी लगाने के लिए आपके पास ये सामग्री होनी चाहिए-
12-16 इंच के गमले
कीवी फ्रूट
सॉइल मिक्स
जरमिनेशन बॉक्स
ट्रांसपेरेंट सेलोफेन पेपर
Seed Germination–
पके हुए कीवी फल की स्लाइस काट कर उससे काले रंग के बीजों को किसी पिन की सहायता से अलग कर लें। इसे किसी साफ़ कपड़े में रखकर सूखा लें। अब एक ट्रांसपेरेंट प्लास्टिक का बॉक्स या जरमिनेशन ट्रे या फिर मिट्टी की ट्रे लें। उसमें 80% गार्डेन सॉइल और 20% कम्पोस्ट मिक्स करके भर दें।
उसमें कीवी के बीज फैला दें। हल्का पानी स्प्रे कर दें और बॉक्स को सेलोफेन पेपर से या किसी ट्रांसपेरेंट पॉलीथिन से कवर कर दें। ताकि इसमें डायरेक्ट धूप ना पहुंचे और मॉइश्चर बना रहे। इसे इन डायरेक्ट सन लाइट यानि कि छांव वाली जगह पर रखें।
2 दिन बाद इसे देखेंगे तो इसमें कवर के अंदर छोटी छोटी बूंदे दिखाई देंगी। 2-3 दिन बाद इसके कवर को निकाल दें और इसमें प्रत्येक 2-3 दिन बाद हल्का पानी स्प्रे कर दें। 75 दिन के अंदर इसमें बीज जरमिनेट होकर छोटे छोटे पौधे निकल आएंगे।
Transplant-
इन पौधों को जरमिनेशन ट्रे से किसी पेन की सहायता से जड़ व मिट्टी सहित निकाल लें और 12-16 इंच के गमलों में मिट्टी भरकर इसमें ट्रांसफर कर दें। गमलों की मिट्टी में 50% गार्डेन सॉइल 20% कम्पोस्ट 30% कोकोपीट मिक्स होनी चाहिए। कुछ ही दिनों में ये पौधे बड़े होने लगेंगे और इसपर फल आने लगेंगे।
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