आजकल वातावरण में वायरस और बैक्टीरिया का विस्तार बढ़ता ही जा रहा है। जिसके कारण हमारे शरीर में कई बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं। इन बीमारियों से बचने के लिए हम एंटी बायोटिक का प्रयोग करते हैं। जिनसे कभी कभी हमें नुकसान भी पहुंचता है। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसे मेडिसिनल प्लांट्स की डिटेल्स लेकर आए हैं। जो आपके घर के वातावरण को स्वच्छ रखने के साथ साथ कई बीमारियों में भी लाभदायक हैं। आइए जानते हैं कि वो मेडिसिनल प्लांट्स कौन से हैं-
1-Turmeric-हल्दी ब्लड प्यूरिफायर है। यह स्किन को रेडियंट बनाने में भी सहायक है। इसके अलावा यह हार्ट, लीवर, लंग्स डिज़ीज़ के उपचार में सहायक है।
2-Ginger-अदरक को डाइजेस्टिव प्रॉब्लम, कोल्ड, फ्लू, पेन के उपचार के लिए प्रयोग करते हैं। इसके अलावा यह मॉर्निंग सिकनेस, इन्फ्लेमेशन को दूर करने में भी सहायक है।
3-Garlic-लहसुन का प्रयोग डाइजेस्टिव प्रॉब्लम को दूर करने के लिए करते हैं। यह कोल्ड, फ्लू, हाई ब्लड प्रेशर के उपचार में सहायक है। इसके अलावा या कोलेस्ट्रॉल लेवेल को भी नियंत्रित करता है। जिससे हार्ट संबंधी बीमारी नहीं होती। अल्जाइमर्स और डिमेंशिया बीमारी के उपचार में लाभदायक है।
4-Coriander-धनिया डाइजेस्टिव प्रॉब्लम को ठीक करती है। इसका प्रयोग मीजल्स, हीमो रहोएड्स, टूथ प्रॉब्लम्स, वॉर्मस, ज्वाइंट पेन के उपचार के लिए करते हैं। यह बैक्टीरिया और फंगस इन्फेक्शन के उपचार में सहायक है।
5-Mint-पुदीना यह कोल्ड, कफ और डायरिया में अत्यंत लाभदायक है।
6-Lemongrass-लेमन ग्रास इन्सोम्निया , स्ट्रेस इत्यादि को दूर करने में सहायक है। यह किसी प्रकार के दर्द के लिए भी लाभकारी है।
7-Carom-अजवायन का प्रयोग पेट दर्द में करते हैं। इसकी चाय बनाकर भी ले सकते हैं। और इसकी पत्तियां माउथ फ्रेशनर की तरह खाई जा सकती हैं।
8-Clove-लौंग डेंटल प्रॉब्लम को दूर करती है। यह एक एंटीसेप्टिक की तरह कार्य करती है।
9-Indian Gooseberry-आंवला में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह कोल्ड, कफ, डायबिटीज़ , हाइपर एसिडिटी, लैक्ज़ेटिव प्रॉब्लम्स के उपचार में सहायक है।
10-Cherry-चेरी स्ट्रेस, नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर, अफ्रोडियासिया इत्यादि के उपचार में लाभदायक होती है। इसे रीस्टोरेटिव टॉनिक भी कहा जाता है।
11-Aloevera-एलोवेरा स्किन इन्फ्लेमेशन के उपचार के लिए लाभदायक होता है। एक्ने , पिंपल्स, सन बर्न को रिमूव करता है।
12-Holybasil-तुलसी कोल्ड, फ्लू, फीवर, कफ, सोर थ्रोट, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, किडनी स्टोन, हीट प्रॉब्लम के उपचार में सहायक होती है।
13-Henna-मेहंदी इन डायरेक्टली स्टोमैक और इंटेस्टाइनल अल्सर के उपचार में प्रयोग होती है। इसके अलावा एग्जेमा, स्कारबीज़ , फंगल इन्फेक्शन, वाउंड्स, डैंड्रफ इत्यादि में इसे इफेक्टेड एरिया में डायरेक्टली एप्लाई कर सकते हैं।
14-Aegler Marmelos-बेल के फल को डायरिया, डिसेंट्री, कांस्टिपेशन इत्यादि के उपचार में प्रयोग कर सकते हैं।
15-Azadirachta indica-नीम का प्रयोग एनाल्जेसिक, एपिलेप्सी, हाइपर टेंशन इत्यादि के ट्रीटमेंट में करते हैं।
13-Lavender-लैवेंडर किसी भी प्रकार के दर्द को दूर करने में सहायक है। किसी कट या चोट पर इसे लगा सकते हैं। यह एंटी सेप्टिक की तरह कार्य करती है।
16-Marigold-गेंदे के फूल का प्रयोग अल्सर और डाइजेस्टिव प्रॉब्लम को दूर करने में करते हैं। इसके अलावा यह स्किन प्रॉब्लम जैसे सन बर्न, एक्ने, बलमिशेज़ के उपचार में सहायक है।
17-Bacopa Monnieri-यह एक क्रीपिंग और व्हाइट फूलों वाला प्लांट है। ये इम्यूनिटी सिस्टम को सुधार कर सोराइसिस और हेयर लॉस के उपचार में सहायक है।
18-Periwinkle/Vinca-सदाबहार एक मेडिसिनल प्लांट है। इसे कैंसर के ट्रीटमेंट के लिए प्रयोग करते हैं।
19-Lemon Balm-यह पुदीने की जैसी पत्तियों वाला पौधा है। लेकिन इसमें नींबू के जैसी स्मेल आती है। यह डाइजेस्टिव प्रॉब्लम, वॉमिटिंग, कोलिक, मेंस्ट्रुअल क्रैंप्स, हेडेक, टूथेक, हिस्टीरिया, मेलनकोलिया इत्यादि बीमारियों के उपचार में सहायक है।
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